Manrega Yojana 2025 (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना) भारत सरकार द्वारा चलाई जा रही एक मुख्य और सरकारी योजना है, जिसका लक्ष्य ग्रामीण क्षेत्रों में 100 दोनों का रोजगार सुनिश्चित करना है इस योजना के तहत ग्रामीण परिवारों को स्थानीय स्तर पर रोजगार के नई-नई अवसर दिए जाते हैं ताकि वह स्वयं आत्मनिर्भर बन सके और पलायन की किसी को भी जरूरत ना पड़े।
Manrega Yojana 2025 का उद्देश्य
- ग्रामीण बेरोजगारी को कम करना
- मजदूरों को उनके गांव में ही रोजगार प्रदान करना
- गरीबी हटाना और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करना
- प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण करना
- महिला श्रमिकों को रोजगार में प्राथमिकता देना
Manrega Yojana 2025 के प्रमुख लाभ
- हर ग्रामीण परिवार को साल में 100 दिन का रोजगार
- न्यूनतम मजदूरी का भुगतान सीधे बैंक खाते में
- महिला और पुरुष दोनों को समान अवसर
- पारदर्शी प्रक्रिया और जॉब कार्ड के माध्यम से निगरानी
- निर्माण कार्य, जल संरक्षण, सड़क निर्माण आदि में काम
Manrega Yojana 2025 की विशेषताएं
- मजदूरी भुगतान 15 दिनों के भीतर
- ऑनलाइन जॉब कार्ड प्रणाली
- कार्यस्थल पर श्रमिकों को पीने का पानी, प्राथमिक चिकित्सा और छाया की सुविधा
- सामाजिक लेखा परीक्षण (Social Audit) के ज़रिए इस योजना की निगरानी की जाती है
- महिला श्रमिकों को 33% आरक्षण
पात्रता
- आवेदक ग्रामीण क्षेत्र का निवासी हो
- आवेदक 18 वर्ष या उससे ऊपर होना चाहिए
- मनरेगा जॉब कार्ड धारक हो
- परिवार के किसी भी सदस्य के नाम पर एक ही जॉब कार्ड हो सकता है
आवश्यक दस्तावेज
- आधार कार्ड
- राशन कार्ड
- निवास प्रमाण पत्र
- पासपोर्ट साइज फोटो
- बैंक खाता विवरण
- मोबाइल नंबर
आवेदन प्रक्रिया

ऑफलाइन आवेदन कैसे करें
- अपने ग्राम पंचायत कार्यालय जाएं
- मनरेगा जॉब कार्ड के लिए आवेदन फॉर्म भरें
- आवश्यक दस्तावेज जमा करें
- कुछ ही दिनों में जॉब कार्ड जारी कर दिया जाएगा
ऑनलाइन आवेदन कैसे करें
- मनरेगा की आधिकारिक वेबसाइट nrega.nic.in पर जाएं
- “Apply for Job Card” विकल्प को चुने
- सभी जानकारी भरें और दस्तावेज अपलोड करें
- आवेदन सबमिट करें और आवेदन की संख्या नोट करें
जॉब कार्ड क्या होता है?
जॉब कार्ड एक सरकारी दस्तावेज है जिसमें परिवार के सदस्यों की जानकारी होती है। इसके माध्यम से मनरेगा के तहत कार्य मांगने और भुगतान प्राप्त करने की सुविधा मिलती है।
जॉब कार्ड के लाभ
- सरकारी रोजगार की गारंटी
- पारदर्शी मजदूरी भुगतान
- ऑनलाइन ट्रैकिंग की सुविधा
- लाभार्थी की पहचान का प्रमाण
काम मिलने की प्रक्रिया
- जॉब कार्ड धारक अपने ग्राम पंचायत में काम की मांग करता है
- पंचायत उसे 15 दिन के भीतर काम देने की जिम्मेदारी निभाती है
- यदि काम नहीं मिला तो राज्य सरकार को बेरोजगारी भत्ता देना होता है
मनरेगा के अंतर्गत होने वाले कार्य
- जल संरक्षण और जल संग्रहण
- खेतों की मेड़बंदी और समतलीकरण
- ग्रामीण सड़कों का निर्माण
- तालाबों और कुओं की खुदाई
- वृक्षारोपण
- ग्राम पंचायत भवन निर्माण
मजदूरी का भुगतान

- भुगतान सीधे बैंक खाते में किया जाता है
- मजदूरी दर राज्य सरकार द्वारा बनाई जाती है
- भुगतान अधिकतम 15 दिन के भीतर होना चाहिए
- समय पर भुगतान न होने पर मुआवजा मिलता है
Manrega Yojana 2025 के नए बदलाव
- e-Shram कार्ड धारकों को प्राथमिकता
- मोबाइल ऐप के जरिए काम की निगरानी
- कार्यस्थल पर डिजिटल उपस्थिति प्रणाली
- अधिक पारदर्शिता और भ्रष्टाचार में कमी
Manrega Yojana 2025 की सफलता
- लाखों ग्रामीणों को हर साल रोजगार मिला है
- पलायन में कमी आई है
- महिलाओं की भागीदारी बढ़ी है
- ग्रामीण विकास में तेज़ी आई है
चुनौतियाँ
- समय पर भुगतान में देरी
- कुछ क्षेत्रों में भ्रष्टाचार की शिकायतें
- जागरूकता की कमी
- तकनीकी सुविधाओं का अभाव
समाधान के प्रयास
- डिजिटलीकरण को बढ़ावा
- ग्राम स्तर पर निगरानी समितियाँ बनाना
- समय-समय पर प्रशिक्षण देना
- मोबाइल ऐप से निगरानी करना
निष्कर्ष
Manrega Yojana 2025 ग्रामीण भारत के लिए जीवन रेखा है यह योजना न केवल सही रोजगार उपलब्ध करवाती है बल्कि सामाजिक सुरक्षा को भी सुनिश्चित करती है अगर आप भी ग्रामीण क्षेत्र से हैं और 18 वर्ष की आयु से ऊपर हैं तो इस योजना का लाभ आप जरूर उठाएं इसी नाम केवल आपकी आमदनी बढ़ेगी बल्कि साथ ही साथ आपके गांव का भी विकास होगा।
FAQs
प्रश्न 1: Manrega Yojana 2025 के तहत कितने दिन का काम मिलता है?
उत्तर: प्रत्येक ग्रामीण परिवार को साल में 100 दिनों का रोजगार दिया जाता है।
प्रश्न 2: क्या महिला श्रमिकों को प्राथमिकता मिलती है?
उत्तर: हां, महिला श्रमिकों को 33% आरक्षण दिया जाता है।
प्रश्न 3: मजदूरी कितने समय में मिलती है?
उत्तर: कार्य पूर्ण होने के 15 दिन के भीतर मजदूरी सीधे बैंक खाते में जमा होती है।
प्रश्न 4: अगर काम नहीं मिले तो क्या होगा?
उत्तर: अगर पंचायत 15 दिन में काम नहीं देती है तो बेरोजगारी भत्ता दिया जाता है।